निर्भया के चारों दोषियों के मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मौत के वारंट जारी कर दिए। इसका पता चलते ही मेरठ के पवन जल्लाद के चेहरे पर अलग ही जुनून दिखाई दिया। पवन जल्लाद ने मीडिया से कहा कि मैं चारों दोषियों को फांसी देने का हौसला रखता हूं। मैं पूरी तरह तैयार हूं। जैसे ही मुझे सरकारी आदेश मिलेगा, मैं दिल्ली के लिए रवाना हो जाऊंगा।
पवन जल्लाद ने कहा कि मुझे पता चला है कि चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी। अगर मुझे चारों को फांसी देने के लिए बुलाया जाता है तो मैं पूरी तरह तैयार हूं। पवन ने कहा कि फांसी देने के लिए कई तैयारियां की जाती हैं। जिस जेल में फांसी लगाई जाएगी, वहां फांसी देने वाले रस्से और तख्त की जांच की जाएगी। जिन दोषियों को फांसी देनी है, उनका वजन भी लिया जाएगा, जिसके अनुसार ही रस्सा बनाया जाएगा।
पवन ने बताया कि इससे पहले उन्हें 16 दिसंबर को तैयार रहने को कहा गया था। इसकी मुझे मौखिक सूचना दी गई थी। लेकिन उसके बाद कोई सूचना नहीं दी गई। अब मुझे जैसे ही सूचना मिलेगी, मैं उन्हें फांसी देने पहुंच जाऊंगा। पवन के अनुसार उनके अलावा लखनऊ में भी एक जल्लाद है। लेकिन वह आजकल बीमार चल रहा है। मैं इतना हौसला रखता हूं कि चारों को एक साथ फांसी लगा सकता हूं।
मुझे बड़ा सुकून मिलेगा
एक सवाल पर पवन ने कहा कि जल्लाद के साथ ही पांच बेटियों का पिता होने के नाते मुझे ऐसे दरिंदों को फांसी देने से बड़ा सुकून मिलेगा। उस बेटी के परिजनों को भी सुकून मिलेगा, जिसके साथ इन दरिंदों ने ऐसी हैवानियत की थी। साथ ही यह समाज में कड़ा संदेश भी जाएगा कि इस तरह के कृत्यों की सजा सिर्फ मौत होगी।
चौथी पीढ़ी है जल्लाद की
पवन जल्लाद मूल रूप से मेरठ में थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र के मोहल्ला भगवतपुरा का निवासी है। पवन ने बताया कि हमारी चौथी पीढ़ी जल्लाद के तौर पर काम कर रही है। करीब पांच दशक से हमारा परिवार जल्लाद के पेशे से जुड़ा हुआ है। मेरे परदादा लक्ष्मण इसी पेशे से जुड़े थे। मेरे दादा कल्लू जल्लाद ने इंदिरा गांधी के हत्यारों सहित कई अपराधियों को फांसी दी थी। दादा के साथ पिता कल्लू जल्लाद ने कई फांसी लगाईं। कल्लू जल्लाद की मौत के बाद उनके बेटे मम्मू जल्लाद इसी पेशे से जुड़े। अब चौथी पीढ़ी में पवन जल्लाद है। पवन का कहना है कि हमारा पुश्तैनी मकान बारिश में गिर गया था, जिसके चलते परिवार अब कांशीराम कॉलोनी में रहता है। पवन के सात बच्चे हैं जिनमें पांच बेटियां और दो बेटे हैं।
पांच हजार मिलता है मानदेय
चौधरी चरण सिंह जिला कारागार मेरठ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बीडी पांडेय का कहना है कि पवन जल्लाद को पांच हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। हालांकि पवन जल्लाद ने अभी एक भी फांसी नहीं लगाई। जिन जेलों में फांसीघर होता है, वहीं फांसी दी जाती है। इसके लिए जल्लाद पूरी तैयारी करता है।
पिता का सपना पूरा करूंगा
पवन जल्लाद ने बताया कि वह बचपन से ही अपने दादा कल्लू जल्लाद और पिता मम्मू जल्लाद से फांसी देने के किस्से सुनता था। पिता की अंतिम इच्छा थी कि वह कसाब को फांसी लगाते। लेकिन वह पूरी नहीं हुई। पिता चाहते थे कि दरिंदों को फांसी पर लटकाया जाए। मैं ऐसे दरिंदों को फांसी लगाकर पिता की इच्छा पूरी करूंगा।
जेल प्रशासन के पास आया था पत्र
जिला कारागार मेरठ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बीडी पांडेय का कहना है कि दिसंबर माह में कारागार महानिदेशक लखनऊ से पत्र आया था। जिसमें पवन जल्लाद को तैयार रखने के लिए कहा गया था। हमने जवाब भेज दिया था। जेल प्रशासन पवन जल्लाद से संपर्क में है। हमें फांसी के लिए मुख्यालय से आदेश मिलेगा, उसी के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।